जलाल का अपने बर्तन बना आकार दे अपने हाथो से , तेरी मर्जी हो पूरी मुझसे एक ऐसी मसक मुझको बना {2} (Chorus) फरियाद ये तुझसे खुदा , मुझको उठा , मुझको बना फरियाद ये तुझसे खुदा , मुझको उठा , मुझको बना भरदे रूह से , अपनी सामर्थ से पंखो में अपने छुपा मिट्टी में जान हूँ , मुझको उठाले , हाथो से अपने बना {2}
(Verse)-1 बिगड़ न जाऊं , बिखर न जाऊं में तेरे हाथो में ही रहेना चाहूँ में दुनिया की भीड़ में , कहीं खो न जाऊं में किसी भीड़ में कुचलना जाऊं में {2} अपने साये में मुझको छुपा , अपने हाथो से मुझको सजा {2} भरदे रूह से अपनी सामर्थ से पंखो में अपने छुपा मिट्टी में जान हूँ , मुझको उठाले ,
आँखों से अपना बना {2}
(Bridge) मेहफ़ूज़ हु में तेरे, साये में खुदा तेरा हाथ में कभी न छोडूंगा {2} अपने साये में मुझको छुपा , अपने हाथो से मुझको सजा {2} और भरदे रूह से , अपने सामर्थ से, पंखो में अपने छुपा मिट्टी में जान हूँ , मुझको उठाले , हाथो से अपना बना
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