कोरस -
हमारे गुनाहों की ख़ातिर, प्रभु तुने क्रूस उठाया था,
तेरा दुःख कोई न बांट सका, हर ईनसां को तूने बचाया था।
हमारे गुनाहों की ख़ातिर, प्रभु तुने क्रूस उठाया था,
तेरा दुःख कोई न बांट सका, हर ईनसां को तूने बचाया था।
1. ये आंधी ये तूफां ये गहरे अंधेरे,
तेरी शक्ति के आगे कुछ भी नहीं,
येसूली ये मातम ये खौफ़का आलम,
तेरी शक्ति के आगे कुछ भी नहीं,
तू ईश्वर था मानव बनकर मानव का फर्ज निभाया था।
2. वो मासूम चेहरा, वो भीगी सी
आँखें कभी भी कोई भूल सकता नहीं,
वो कीलें वो कांटे वो बहते लहू को,
कभी भी कोई भूल सकता नहीं,
ऐसी ही पिता की मरज़ी थी,
जो तूने बलिदान चढ़ाया था।
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